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प्राचीन साहित्य प्राचीन ऐतिहासिक साहित्य
प्राचीन साहित्य प्राचीन ऐतिहासिक साहित्य
- ब्राह्मण साहित्य - वेद , ब्राह्मण गृंथ , आरण्यक , उपनिषद , वेदांग , सूत्र, महाकाव्य , स्मृति गृंथ , पुराण,
- ब्राह्मण गृंथ - संहिताओं अर्थात चारों वेदों कि व्याख्या से रचित गद्य साहित्य को ब्राह्मण गृंथ कहा गया है
- वैदिक साहित्य का अंतिम भाग है- उपनिषद अर्थात वेदांग
- उपनिषदों कि संख्या बताई गयी है- 108
- भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है - सत्यमेव जयते
- सत्यमेव जयते जिस स्रोत से लिया गया है- मुण्डकोपनिषद से
- ईश , केन, कठ , प्रश्न मुण्डक , मांडूक्य , तैतिरीय , ऐतिरिय , छान्दोग्य , कौषीतकि , बृहदारायणक , श्वेताश्वर ,
- वेदांग - शिक्षा , कल्प , निरुक्त, छंद , व्याकरण , ज्योतिष ,
- भाषा विज्ञानं को कहते है- निरुक्त
- सबसे प्रसिद्द व्याकरण गृंथ है- पाणिनि कि अष्टद्यायी
- अष्टद्यायी का रचना काल है- 400 ई।
- चार उपवेद है- आयुर्वेद , धनुर्वेद , गन्धर्ववेद , शिल्पवेद
- पुराणों कि संख्या है- 18
- पुराणों के रचयिता थे- - लोमहर्ष और उनके पुत्र उग्रश्रवा
- प्राचीन त्तम पुराण है- मत्स्य पुराण
- ब्रह्मनेत्तर साहित्य है - बौध्द साहित्य एवं जैन साहित्य
- सबसे प्राचीन बोद्ध साहित्य है- त्रिपिटक गृंथ ( सुत्तपिटक, विनयपिटक , अभिधम्म पिटक )
- महावीर स्वामी काजीवन वृत्त प्राप्त होत है- भगवती सूत्र से
- जैन साहित्य में- आगम साहित्य प्रमुख है- द्वादश अंग
- लौकिक साहित्य
- भारत का प्रथम राजनीतिक ग्रन्थ है - अर्थशास्त्र
- ऐतिहासिक रचनाओं में - कल्हण रचित है - राज तरंगिनी
- दक्षिण भारत का इतिहास ज्ञात होता है- संगम साहित्य से
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